दर्द भरी शायरी - ज़िन्दगी की कठिनाइयों का संग्रह
ज़िन्दगी के सफर में हम कुछ खोने लगे,
दिल की गहराई में चुपके-चुपके रोने लगे।
हर दर्द को छुपाते हैं, फिर भी दिल में बसी,
कभी तो हम भी किसी से प्यार करने लगे।जितनी मेहनत से हमने खुद को सँवारा था,
उतनी ही बेरहमी से हमें तोड़ा गया था।
अब तो इन ख्वाहिशों से तंग आ चुके हैं,
इस दिल को फिर से तन्हा छोड़ दिया गया था।हर खुशी में अब कुछ कमी सी लगती है,
हर हंसी में एक दर्द सी छुपी होती है।
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान होती है,
पर हमारी आँखों में ग़मों की कहानी होती है।सपने जो देखे थे कभी, अब वो टूटते जाते हैं,
खुशियाँ जो बाँटी थी कभी, अब दूर भागती जाती हैं।
तन्हाई का ये आलम है कि,
अब हमारी उम्मीदें भी डरती जाती हैं।हर दर्द का अपना एक पैगाम होता है,
हर मुस्कान के पीछे एक ग़म होता है।
हमारे अंदर का सन्नाटा कभी बयां नहीं होता,
क्योंकि आँसुओं से भी मोहब्बत का रिश्ता होता है।तुझे खोने के बाद ही तो एहसास हुआ,
कि कुछ प्यार में ग़म भी जुड़ा होता है।
कभी हमें तेरे बिना जीने की तकलीफ नहीं हुई,
पर अब जानलेवा दर्द हर दिन बढता जाता है।वो जो कभी हमारा सब कुछ थे,
आज उनकी यादों में हम खुद को खो चुके हैं।
दर्द की चुप्प में बसा है हमारा हर सवाल,
क्या कभी वापस वो हमसे मिल चुके हैं?आदत सी हो गई है अब दर्द को अपने दिल में बसा लेने की,
क्योंकि अब खुशियों के पल हमें जैसे दूर चले जाने की आदत हो गई है।